What is Hindi Unicode Typing | Mangal Font Software

अगर आप टाइपिंग करते हैं तो मंगल फॉन्ट सॉफ्टवेयर के बारे में आपने जरूर सुना होगा। इस पोस्ट में मंगल फॉन्ट सॉफ्टवेयर के बारे में संपूर्ण जानकारी दी गई है।


मंगल फॉन्ट सॉफ्टवेयर हिन्दी टाइपिंग की एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से हम वास्तविक हिन्दी अर्थात यूनीकोड हिन्दी टाइपिंग कर सकते हैं। अगर आपको यह बात समझ नहीं आ रही तो आपको सरल भाषा में समझाते हैं। चलिए टाइपिंग से ही शुरू करते हैं।

हिन्दी टाइपिंग क्या है ?
दोस्तों, जब हम टाइपिंग करते हैं तो हमें स्वत: ही अंग्रेजी का इनपुट लेआउट मिलता है और संभवत: Arial या Calibri फॉन्ट। अपने मैटर को आकर्षक बनाने के लिए हम इन फॉन्ट के स्थान पर Times New Roman, Monotype Corosiva या अन्य फॉन्ट चुन लेते हैं। यह प्रक्रिया हम अंग्रेजी टाइपिंग के लिए अपनाते हैं। यदि हमें हिन्दी टाइपिंग करनी हो तो हम Krutidev 010, Devlys 010, Kundli आदि फॉन्ट का चयन कर लेते हैं। अगर हिन्दी के मैटर को आकर्षक बनाना हो तो हम Krutidev 100, Krutidev 320, Krutidev 500 जैसे फॉन्ट का चयन कर लेते हैं और टाइपिंग करके अपने कार्य संपादित कर लेते हैं।

हिन्दी यूनीकोड की आवश्यकता क्यों है ?
आपका सवाल यही होगा कि अगर Krutidev, Devlys, Kundli जैसे फॉन्ट से अगर हमारा कार्य संपादित हो जाता है तो हम क्यों हिन्दी यूनीकोड यानि मंगल फॉन्ट सॉफ्टवेयर का राग अलापते हैं ?? आपके इस सवाल के जवाब के लिए हम चलते हैं पहले प्रश्न पर। उसमें मैंने स्पष्ट बताया है कि कंप्यूटर में हमें टाइपिंग के लिए डिफॉल्ट में अंग्रेजी इनपुट लेआउट मिलता है लेकिन अंग्रेजी इनपुट लेआउट में भी हम Krutidev, Devlys, Kundli जैसे फॉन्ट को चुनकर हिन्दी दस्तावेज प्रिंट कर लेते हैं। पर वह मैटर वास्तव में हिन्दी नहीं होता बल्कि अंग्रेजी होता है जो केवल Krutidev, Devlys, Kundli जैसे फॉन्ट में ही हिन्दी दिखता है। इसमें समस्या यह आती है कि जब वह मैटर हम इंटरनेट पर मेल करते हैं या किसी ऐसे कंप्यूटर में ले जाते हैं जहां Krutidev, Devlys, Kundli जैसे फॉन्ट न हों, तो वह सारा मैटर अंग्रेजी में हो जाता है और कई बार Krutidev, Devlys, Kundli फॉन्ट होने पर भी अशुद्धि हो जाती हैं, जैसे श का ष, श का भ बन जाना। इन सब समस्याओं से निजात पाने के लिए ही हिन्दी यूनीकोड इनपुट यानि मंगल फॉन्ट सॉफ्टवेयर का विकास किया गया।

यह जानकारी i Unicode ब्लॉग से ली गई है जो संक्षेप में आपके सामने प्रस्तुत है। i Unicode ब्लॉग का हम अभार व्यक्त करते हैं कि उसने हमें यह महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की।

मंगल फॉन्ट सॉफ्टवेयर क्यों और कैसे ??
यह तो आप जानते ही होंगे कि टाइपिंग के लिए कोई न कोई फॉन्ट होना चाहिए। हम जो टाइप करते हैं उसको दिखाने के लिए कोई फॉन्ट तो होगा ही। जैसे ही हम कोई डॉक्यूमेंट खोलते हैं तो उसमें अपने आप ही एक टाइपिंग फॉन्ट मिलता है, जो सिस्टम द्वारा चुना गया होता है, इसे डिफॉल्ट फॉन्ट कहते हैं। अंग्रेजी टाइपिंग के लिए सिस्टम द्वारा चुना गया डिफॉल्ट फॉन्ट सामान्यत: Calibri होता है और हिन्दी यूनीकोड में सिस्टम द्वारा चुना गया डिफॉल्ट फॉन्ट Mangal होता है इसलिए हिन्दी यूनीकोड टाइपिंग का नाम मंगल फॉन्ट सॉफ्टवेयर पड़ गया है।

Hindi Unicode Typing, कृतिदेव Typing से बेहतर है क्योंकि इसमें टाइप किया गया मैटर हर जगह हिन्दी में ही दिखाई देता है, चाहे आप मोबाइल में देखें या कंप्यूटर में अथवा इंटरनेट पर। इंटरनेट पर दिखने वाली हिन्दी मंगल फॉन्ट सॉफ्टवेयर की ही देन है।

मंगल फॉन्ट में कैसे टाइप करें ??
चूंकि कंप्यूटर का विकास पश्चिमी देशों में हुआ है और इनपुट की दृष्टि से अंग्रेजी थोड़ी आसान है इसलिए कंप्यूटर में स्वत: ही अंग्रेजी इनपुट लेआउट मिलता है। लेकिन हम अन्य भाषाओं में भी इसमें इनपुट कर सकते हैं परन्तु हमें इसके लिए इन भाषा के इनपुट लेआउट की जरूरत होती है। अंग्रेजी भाषा का तो एक ही कीबोर्ड है लेकिन हिन्दी भाषा के कई कीबोर्ड होते हैं और हिन्दी यूनीकोड इनपुट करने के लिए इन सभी कीबोर्ड को उपयोग करने की अलग—अलग प्रक्रिया होती है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए आप i Unicode ब्लॉग पर जा सकते हैं। यहां पर आपको समस्त जानकारी एवं तकनीकी मदद मिल जाएगी।

जब आप अपने अपने कंप्यूटर में हिन्दी यूनीकोड के कीबोर्ड लेआउट एक्टिवेट अथवा सेट कर लेंगे तो आप आसानी से अपने पंसदीदा कीबोर्ड के माध्यम से हिन्दी यूनीकोड टाइपिंग कर सकेंगे।

कहां पर उपयोग होता है ??
भारत के हिन्दी भाषी समस्त प्रदेशों में राजकाज कार्य में हिन्दी यूनीकोड इनपुट प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है। यही कारण है कि ज्यादातर परीक्षाओं में हिन्दी यूनीकोड/मंगल फॉन्ट सॉफ्टवेयर के माध्यम से ही टाइपिंग करनी होती है। अगर आप युवा हैं तो आपको हिन्दी यूनीकोड अर्थात् मंगल फॉन्ट सॉफ्टवेयर के बारे में अवश्य जान लेना चाहिए एवं उसका उपयोग करना चाहिए।

यह i Unicode ब्लॉग से ली गई जानकारी का संक्षिप्त रूप था। अगर आप इस बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं अथवा इस संबंध में कोई तकनीकी सहायता की आवश्यकता है तो आप i Unicode ब्लॉग पर जा सकते हैं। वहां पर आपको पर्याप्त जानकारी के साथ—साथ उचित तकनीकी सहायता मिल जाएगी।
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